जैसा कि हम सब जानते हैं कि इतिहास में कायस्थ विभूतियों का योगदान सर्वोत्तम और अविस्मरणीय रहा है।
हरेक क्षेत्र में हमारे सपूतों ने समाज, देश और विश्व को एक सकारात्मक दिशा देने का काम किया है।
लेकिन यह भी सत्य है कि समाज को दिशा दिखाने वाला कायस्थ समाज धीरे-धीरे आज खुद हासिये पर आ खड़ा हुआ है। वह कायस्थ समाज जो अपने प्रबुद्धता, समृद्धि और उदारता के लिए जाना जाता था वो आज कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों जैसे - आपसी दूरी, बेरोजगारी, गरीबी, दहेज, कमजोर कायस्थ भाइयों का उत्पीड़न, राजनीतिक दलों में जातिगत वरियता आदि, सरकारी तंत्र में भेदभाव आदि से जूझ रहा है।
शिकागो धार्मिक सम्मेलन में जाते वक्त अपनी जाति पर उठे सवाल का जवाब देते वक्त कायस्थ कुल-दीपक, युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद ने जिस कायस्थ जाति का परिचय पूरे विश्व के सामने गौरवपूर्ण तरीके से रखा, उन्होंने यह नहीं सोचा होगा कि भविष्य में फिर से वही प्रश्न सामने खड़ा हो जाएगा कि- कायस्थ कौन हैं?
कई सारे कारण हैं, समस्याएं अनगिनत हैं, लेकिन समाधान अब बस एक है- सभी कायस्थों का एक होना।
और इसके लिए जरूरत है सामूहिक प्रयास करना और कलाम दवात के साथ साहस और एकता को आत्मसात करना।
क्योंकि अभी नहीं तो कभी नहीं।
इसीलिए, एक सुनहरे भविष्य के निर्माण और समूचे व्यवस्था को कुंभकर्णी निद्रा से जगाने के उद्देश्य से पूरे विश्व के कायस्थों को एकत्रित और एकजुट करने के लिए "विश्व कायस्थ महासम्मेलन" का आयोजन जीकेसी(ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस) द्वारा माननीय श्री राजीव रंजन प्रसाद जी की अध्यक्षता में भारत की राजधानी दिल्ली के 'तालकटोरा स्टेडियम' में दिनांक 19 दिसंबर 2021 को होने जा रहा है।
As we all know that the contribution of Kayastha personalities in history has been the best and unforgettable.
But it is also true that the Kayastha Community, which has shown the direction to the society, has gradually come to a verge. The Kayastha community which was known for its enlightenment, prosperity, and generosity, is facing many internal and external challenges today like - non-cooperation, unemployment, poverty, dowry, oppression of weak Kayastha family, caste preference in political parties, discrimination and partiality in the government system, etc.
While answering the question raised on his caste while going to the Chicago religious conference, the Kayastha Kul-Deepak, the youth's ideal Swami Vivekananda proudly introduced the Kayastha caste to the whole world, he would not have thought that again in the future. The same question will arise that - who are the Kayasthas?
The reasons are many, the problems are innumerable, but the solution is now only one – the union of all Kayasthas.
And this requires collective effort and imbibing courage and unity with Kalam Dawat.
Because now or never.
That is why, with the aim of building a golden future and awakening the entire system from a deep sleep, "Vishwa Kayastha Mahasammelan" is being organized by GKC (Global Kayastha Conference) on 19th December 2021 at 'Talkatora Stadium', New Delhi, under the presidency of Hon'ble Shri Rajiv Ranjan Prasad ji.
Today, our Kayastha community and our coming generation are calling upon all of us that we and all of our organizations forget all our differences and become a part of this historic Mahasammelan to bring our Kayastha community out of oblivion and to restore our past glory. But in order to deliver it, we all need to make contributions according to our own capacity in this Yagya.
Event Venue
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Talkatora Indoor Stadium, New DelhiLocaiton
Talkatora Indoor Stadium, New DelhiEvent Expired